बेटी बचाओ बेटी पढाओ

आज हम जब दोपहर को खाना खाने घर गया तो देखा कि हमारी बिटिया ने अपना गुल्लक तोड़ दिया था और पैसे अपने दुप्पटे मे इकट्ठा कर रही थी मैने पूंछा यह गुल्लक क्यों तोड़ दिया तो रोने लगी और दौड कर हमारे पास आकर हमसे लिपट कर रोने लगी और बोली। पापा हमारी चाची बीमार है चाचा काम करने गये हैं चाची को तेज बुखार है चाची दर्द से कराह रहीं है मै एक छण अपनी बिटिया को देखता रहा और मेरी आंखों में आँसू आ गये।
हमने कहा कि चाची के साथ तो तुम्हारी मां का झगड़ा है । तुम यह सब क्यों कर रही हो । बिटिया ने धीरे से कहा कि मम्मी और चाची का झगड़ा है हमारा नही हमने अपने छोटे भाई को फोन किया और पूंछा कहां हो बो बोला काम मे बिजी हू। साम तक आ पाऊगा हमने डाक्टर साहब को बुलाया बहू का इलाज कराया हम अपने जेब से पैसे निकाल कर देने लगा तो बिटिया बोली डाक्टर अंकल बो पैसे ना लो ।
यह हमारी गुल्लक बाले पैसे ले लीजिए डाक्टर साहब एक छण हमारी तरफ देखते हुए बोले माजरा क्या है हमने पूरा बाक्या सुनाया डाक्टर साहब नम आंखों से हमसे बोले देखलो किशनपाल ऐसी होतीं हैं बिटियां। ।।।।।।
डाक्टर जी ने कुछ दवाइयां लिख कर पर्चा देते हुए कहा हमे फीस नही चाहिए इन्ही पैसे से आपकी बिटिया की सादी में हमारी तरफ से एक तोहफ़ा दे देना मै हैरान था कि हम जिन बेटों के लिए बेटियों का गर्भपात करवा देते है ।
और बाद मे बो ही बेटे हमको घर से बाहर आश्रम में रहने भेज देते है ।।
इसलिए भाइयो बेटी की रक्षा देश की रक्षा आप सभी को बेटी बचाओ बेटी पढाओ का अनुसरण देता हूँ। शेयर जरूर करें