लोग पत्थरों को भगवान मानकर पत्थर की पूजा करने लगते हैं, किसी को पत्थर क्या दे सकता है?
आपके प्रश्न पूछने से लगता है कि आप मूर्ति पूजा पर व्यंग कस रहे हो।
चलो यह बात समझने के लिए एक उदाहरण को समझते हैं।
एक परिक्षा में एक प्रश्न पूछा गया वो प्रश्न व उसका हल निम्नप्रकार है।

अब गणित एक वैज्ञानिक विषय है इसके बिना विज्ञान शून्य है यह आप भी जानते हैं। अब इसमें उत्तर की पहली लाईन देखिए
माना की दूरी x है।
हमने दूरी को एक्स माना ओर सूत्र का उपयोग किया ओर प्रश्न हल हो गया।
इसी प्रकार हमने पत्थर की मूर्ति को भगवान माना ओर मन से प्रभु का मनन किया ओर हमे आत्मसंतुष्टि प्राप्त हुई।
आत्मसंतुष्टि से बड़ा कोई फल नहीं होता।
अब हमे पत्थर पूजने से मन की शान्ति प्राप्त हुई इससे ज्यादा ओर ज्यादा क्या चाहिए।
मित्र आस्था ऐसा विषय है जिस पर प्रश्न नही किया जाना चाहिए। आप आस्तिक हो या नास्तिक या किसी अन्य मत के मानने वाले जब तक किसी की आस्था से आपको कोई समस्या न हो तो आपको उस पर उँगली उठाने का कोई अधिकार नहीं मिलता।
धन्यवाद।
Answer Source : Quora
Pravesh Tyagi·1 दिसंबर वनस्पति विज्ञान और जीव विज्ञान, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बी एस सी, एम एस सी, (2001 में स्नातक)