Aaj Kyun Humse Parda Lyrics-Md.Rafi, Balbir, Sadhna
Title : आज क्यूँ हमसे पर्दा
Movie/Album: साधना (1958)
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, बलबीर
आज क्यूँ हमसे पर्दा है
आज क्यूँ हमसे पर्दा है…
तेरा हर रंग हमने देखा है
तेरा हर ढंग हमने देखा है
पास आकर भी तुझको देखा है
दूर जाकर भी तुझको देखा है
तुझको हर तरह आज़माया है
पा के खोया है, खो के पाया है
अँखड़ियों का बयाँ समझते हैं
धड़कनों की ज़बाँ समझते हैं
चूड़ियों की खनक से वाक़िफ़ हैं
झांझरों की झनक से वाक़िफ़ हैं
नाज़-ओ-अंदाज़ जानते हैं हम
तेरा हर राज़ जानते हैं हम, फिर
आज क्यों हम से पर्दा है…
दिल दुखाने से फ़ायदा क्या है
मुँह छुपाने से फ़ायदा क्या है
उलझी-उलझी लटें सँवार के आ
हुस्न को और भी निखार के आ
नर्म गालों में बिजलियाँ लेकर
शोख़ आँखों में तितलियाँ लेकर
आ भी जा अब, अदा से लहराती
एक दुल्हन की तरह शरमाती
तू नहीं है तो रात सूनी है
इश्क की कायनात सूनी है
ओये मरने वालों की ज़िन्दगी तू है
इस अँधेरे की रौशनी तू है, फिर
आज क्यों हम से पर्दा है…
आ तेरा इंतज़ार कब से है
हर नज़र बेकरार कब से है
शम्मा रह रह के झिलमिलाती है
साँस तारों की डूबी जाती है
तू अगर मेहरबान हो जाए
ये ज़मीं आसमान हो जाए
अब तो आ जा के रात जाती है
एक आशिक की बात जाती है
खैर हो तेरी ज़िन्दगानी की
दिल भी दें तो मेहरबानी की
तुझपे सौ जान से फ़िदा हैं हम
एक मुद्दत के आशना हैं हम, फिर
आज क्यों हम से पर्दा है…