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52 गज का दामन पहर खाटू में चालुगी
खाटू जी की टिकट कटाऊ,
तेरे संग दर्शन को जाऊ,
साजन लेहंगा तो सिल्वा दे तेरे सारे नाज उठाऊ,
तेरा कभी कोई न कहा मैं टालूगी,
52 गज का दामन पहर खाटू में चालुगी ।।
गैल तेरे चालु गी बन ठन के दर्शन बाबा जी के करने,
दामान सिला दी झलर धार लादे सोने के तू गेहने,
सोने के मैं गले में मोटे हार पेहनुगी,
52 गज का दामन पहर खाटू में चालुगी ।।
दर्शन करने श्याम धनि के मैं तो हर ज्ञ्रास पे जाऊगी
मैं तो अपने श्याम प्रभु को छपन भोग लगाऊगी,
बाबा जी का मैं भी थोडा प्यार पालूंगी,
52 गज का दामन पहर खाटू में चालुगी ।।
सासु जी से हां कर वाली ससुर से हां करवा लुंगी,
छोटे देवर से केह कर के टिकटे अपनी मंगवा लुंगी,
देवरानी ने लेके अपने गेल चलूगी,
52 गज का दामन पहर खाटू में चालुगी ।।